शिवसंकल्पसूक्त

शिवसंकल्पसूक्त शुक्ल यजुर्वेद का अंश (अध्याय ३४, मन्त्र १-६) है । इसे शिवसंकल्पोपनिषद् के नाम से भी जाना जाता है । सूक्त में छः मन्त्र हैं, जिनमें मन को अपूर्व सामर्थ्यों से युक्त बता कर उसे श्रेष्ठ व कल्याणकारी संकल्पों से युक्त करने की प्रार्थना की गई है । अन्वय के साथ इन मन्त्रों का सरल भावार्थ देते हुए इनकी व्याख्या की गई है ।
संक्षिप्त परिचय
श्लोक १
श्लोक २
श्लोक ३
श्लोक ४
श्लोक ५
श्लोक ६