शिवताण्डवस्तोत्रम्
व्याख्या
रावण द्वारा रचित शिवताण्डवस्तोत्रम् का मूलपाठ देते हुए उसे बोधगम्य बनाने के लिये उसके भावार्थ को संक्षेप में सरल बना कर दिया गया है । तत्पश्चात् उसकी विस्तार से व्याख्या की गई है । अंत में काव्यानुवाद प्रस्तुत किया गया है ।
अनुक्रमणिका
Table of Contents
श्लोक १ | जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले … |
श्लोक २ | जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी … |
श्लोक ३ | धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर … |
श्लोक ४ | जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभा … |
श्लोक ५ | सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर … |
श्लोक ६ | ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा … |
श्लोक ७ | करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्जवल … |
श्लोक ८ | नवीनमेघमण्डलीनिरुद्धदुर्धरस्फुरत् … |
श्लोक ९ | प्रफुल्लनीलपंकजप्रपंचकालिमप्रभा … |
श्लोक १० | अखर्वसर्वमंगलाकलाकदम्बमंजरी … |
श्लोक ११ | जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजंगमश्वसद् … |
श्लोक १२ | दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजो … |
श्लोक १३ | कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुंजकोटरे वसन् … |
श्लोक १४ | निलिम्पनाथनागरी कदंबमौलिमल्लिका … |
श्लोक १५ | प्रचण्डवाडवानलप्रभाशुभप्रचारणी … |
श्लोक १६ | इमं हि नित्यमेव मुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं … |
श्लोक १७ | पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं … |
Don’t know how to thank you enough for this awesome effort. Grateful.
Reader’s happiness is our reward. Thanks.
Thank you so much Miss.I respect your time and effort is elaborating all the shlokas,May god bless you.
॥ ॐ नम: शिवाय ॥
आपका प्रयास बहुत ही सराहनीय व पवित्र है। प्रत्येक शब्द के अर्थ क्लियर होने पर अच्छी तरह समझ आ जाता है। आपके प्रयास को साधुवाद। कृपया ‘ रामरक्षास्तोत्र’ की व्याख्या भी सभी शब्दार्थ सहित प्रकाशित करें ताकि स्तोत्र अच्छी तरह समझ आ जाते। पुनः आपका धन्यवाद
जय श्रीराम । प्रयास कर रहे हैं रामजी की कृपा चाहिये । इति शुभम् ।
अतीव मनोरंजक तथा मनोहारिणी व्याख्या प्रस्तुत की गई है। व्याख्याता के श्रीचरणों में सादर सविनत प्रणाम 💐🙏🌹 ॐ नमः शिवाय 🪷🙏🪷
सादर प्रणाम केवल श्रीशिव के पदाम्बुजों में । आपको नमन है । धन्यवाद ।