श्रीरामरक्षास्तोत्रम्
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् में भगवान श्रीराम से अपनी सर्वांगीण रक्षा की प्रार्थना कवच के साथ वर्णित है ।
रक्षा-स्तोत्रों की संरचना व उनमें विनियोग, ध्यान, कवच आदि भागों पर प्रकाश डालते हुए स्तोत्र के मन्त्र-दृष्टा ऋषि बुधकौशिक मुनि का संक्षिप्त परिचय दिया
गया है । सन्धि-विच्छेद व शब्दार्थ सहित भावार्थ व व्याख्या करने के साथ-साथ संबद्ध कथाओं के वर्णन भी उकेरे गये हैं ।
रक्षा-स्तोत्रों की संरचना व उनमें विनियोग, ध्यान, कवच आदि भागों पर प्रकाश डालते हुए स्तोत्र के मन्त्र-दृष्टा ऋषि बुधकौशिक मुनि का संक्षिप्त परिचय दिया
गया है । सन्धि-विच्छेद व शब्दार्थ सहित भावार्थ व व्याख्या करने के साथ-साथ संबद्ध कथाओं के वर्णन भी उकेरे गये हैं ।
| a. | दो शब्द |
| b. | मूलपाठ |
| c. | विनियोग: |
| d. | ध्यानम् |
| 1. | श्लोक १ |
| 2. | श्लोक २, ३, ४ |
| 3. | श्लोक ५ |
| 4. | श्लोक ६ |
| 5. | श्लोक ७ |
| 6. | श्लोक ८ |
| 6. | श्लोक ९ |
| 7. | श्लोक १० |
| 8. | श्लोक ११ |
