मौन-स्फुरण
|  | मौन में समाहित सब समाधान रिक्त नहीं है स्वर्णपात्र यह ढका हुआ अनन्त का देता है सन्धान ।नेहभरा नि:शब्द नवफूल प्रतीत होता है जैसे जीव के शीश पर आशीष देते ईश के हस्तारविन्द विराजमान । मौन में भजन है | 
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