मेरी रचनाएं

इस विभाग में मेरे कुछ अपने व कुछ अनूदित लेख व कविताएँ हैं । प्रकृति की किसलय कोमल क्रोड़ ने अभिव्यक्ति के मेरे बालसुलभ प्रयासों को संश्रय दिया है और वे सरोवर सतह पर तिरते तटवर्ती तरुओं के पत्तों की तरह मेरी मन:स्थितियों के सलिल में प्रवाहमान होते हुए नयनगोचर होते हैं ।

अनुक्रमणिका

Table of Contents

कैसे कह दूँ
धूप-छांह
भोग और जीवन
मार्गदर्शन
जिजीविषा
गंगा मैया
अल्पजीवी उपस्थिति
कालिय-दमन
धुंआ धुंआ
चरणचिह्न
हरसिंगार
मौन
प्रिय कुसुम ! तुम.. !
सोपान श्रेणी
प्रियदर्शी
कलिका से
अंतस्सागर
पाषाणी
कन्हाई
शर-कान्तार
उल्का
आराध्या
प्रात-मित्र
अदृष्ट से अभिसार
मयूर-क्रीड़ा
सायन्तनी शोभा
द्वारिकाधीश
आषाढ़ का सवेरा
प्राणप्रिय
शिव-स्तुति
मौन-स्फुरण
पालागन बनाम पागलपन

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